गैलीलियो गैलीली बायोग्राफी और जीवन परिचय Galileo Galilei Biography in Hindi


बर्ष 1564 15 फरबरी को ऐक महान विज्ञनिक ने जन्म लिया . नाम था. गैलीलियो गैलीली कहा जाता है. महान वैज्ञनिक. खगोलविद और गणितीयशाश्त्री गैलीलियो गैलीली इटली में उसी वर्ष जन्मे , जिस बर्ष इग्लेंड के महान साहित्यकार शेक्सपियर का जन्म हूया. गैलीलियो सितार गैलीलियो गैलीलीऔर तुरही बजाने . खिलोने ब घरेलू सामान बनाने में माहर थे. इनके पिता जी गैलीलियो को डाक्टर वनाने की ईशा रखते थे. ईस बजह से गैलीलियो के पिता जी ने गैलीलियो का दाखला पीसा विश्वविद्यालय में दाखला करा दिया. जही 20 वर्ष की आयु में उनोहोने पीसा के गिरजे में क्दील को दाए वाए डोलते देखा और अपनी नब्ज की टिक-टिक से मिलान कर पाया कि क्दील के दाए और वाए दोलक सामान है. ईस तरह उनोहोने दोलन का सिन्दांत प्रस्तुत किया और यह धारणा भी बनाई की रोगियों की नब्ज मापने में दोलन का इस्तेमाल हो सकता है. उन्होंने 'लीनिग टावर' से दो अलग-अलग भार की गेंदे नीचे शोड़ी. उनके ऐक साथ गिरने का अर्थ था. अरस्तु के नियम का असत्य होना, उनोहोने शहतीर में काच बनाकर गेद लुद्कई और पाया की चोगुनी दूरी तय करने में गेंद को दूना वक्त लगता है. ईसी क्रम में उन्होंने वस्तुओं के जडत्व- इनशिय को भी चिहित किया. जिसे आगे चलकर न्यूटन ने गति के प्रथम नियम को प्रस्तुत किया, उनोहोने यह सामरिक नियम बताया कि तोप से छूटे गोले की गति पेराबोलिक होती है. पेदूआ में उनोहोने दूरबीन बनाकर नक्षत्रों को देखा और पाया कि आकाशगंगा लाखो तारो का झुरमुट है. तारे ज्बलाओ का पुंज है. और पृथ्बी सूर्य के प्रकाश को वापस फेकती है . लोग यह मानने को तेयार नही थे. की पृथ्बी ब्रह्मंड का केंद्र नही है. लिहाजा गैलीलियो को अदालत में अपने ही सिन्दांत को नकारने की कसम खानी पड़ी अत यह महान विग्यनिक 8 जनवरी 1642 को मृत्य की गोद में सो गया.

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